KANHA NATIONAL PARK –

KANHA NATIONAL PARK – कान्हा नेशनल पार्क MP (MANDLA ,BALAGHAT )में स्तिथ एक वन्य जीव संरक्षण क्षेत्र है जहा विभिन्न प्रजातियों के जीवो को संरक्षण दिया जाता है

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान भारत के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित एक प्रमुख विश्व प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान है। इस उद्यान की स्थापना 1955 में कि गइ थी और और लगभग 23 वर्ष बाद भारत सरकार ने इसे 1973 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया । कान्हा राष्ट्रीय उद्यान वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र के रूप में एक महत्वपूर्ण है, और यह वन्य जीवन के लिए एक आदर्श और सुखद निवास स्थल मन जाता है । यह उद्यान मध्य प्रदेश के जिले में स्थित है, और यहां के वन्यजीवों का संरक्षण, प्रशिक्षण, और अनुसंधान किया जाता है।

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान स्थापना -इस उद्यान की स्थापना 1955 में कि गइ थी

KANHA NATIONAL PARK –

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान की सुंदरता को विशेष रूप से उसके प्राकृतिक वातावरण और विहंगम जंगल, और विविधता के प्राणियों के लिए जाना जाता है। यहां के वन्य जीवो में बाघ, संभर, चीतल, बारासिंगा, लैंगूर, हिरण, गाय, गीदड़, बंदर, नील गाय, और अन्य भिन्न भिन्न प्रजाति के जानवरों निवाष हैं। यहां के पक्षियों की भी विविधता एक अलग तरह की विविधता दिखती यही जैसे कि मोर, सारस, स्टोर्क, और अन्य।

यह दो जिलों मंडला और बालाघाट में 940 किमी 2 कि.मी. क्षेत्र में फैला है।कान्हा किसली रिसोर्ट

कान्हा किसली रिसोर्ट

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान का मुख्य उद्देश्य वन्यजीव संरक्षण ही नहीं अपितु प्रकृति में उनका वेश महत्व है यहां के कर्णाटका, नाली, जिला, खापरदेह, मुका, सिंह डोंगर, रावणपिपारी, बेहरीपांथा, अबू वानी, और अन्य क्षेत्र हैं जहां वन्य जीवो की सुरक्षा के केंद्र है है। यहां के अधिकांश क्षेत्र में वन्य जीवन को संरक्षित करने के लिए नियंत्रित किया जाता है। जो भारत सरकार के अधीन है|

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के विभिन्न भागों में अनेक वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र हैं, जहा विविध प्रकार वन्य जीवो को संरक्षित किया जाता है। इन क्षेत्रों में कान्हा का बाघ, संभर, चीतल, बारासिंगा, लैंगूर, और अन्य जानवर पाए जाते हैं।

KANHA NATIONAL PARK –

KANHA NATIONAL PARK – कान्हा राष्ट्रीय उद्यान भारत का प्रमुख एक प्रमुख पर्यटन स्थल भी है। यहापर्यटकों को अलगतार अपनी आकर्षित कर ता है जंगली जानवरों को देखने का अवसर मिलता है, और वे यहां के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेते हैं। यहां पर्यटक जंगल सफारी, जंगली फोटोग्राफी, और नैचर वॉक जैसी गतिविधियों भी संचालित की जाती है

कान्हा नेशनल पार्क पार्क में रॉयल बंगाल टाइगर भारतीय तेंदुओं, सुस्त भालू, बरसिंघा और भारतीय जंगली कुत्ते की संख्या बहुत अधिक है | रूडयार्ड कीप्लिंग् के प्रसिद्ध उपन्यास द जंगल बुक में दर्शाया गयाकी यहाँ जंगल रिजर्व रहित जंगलों पर आधारित है। यह आधिकारिक रूप से शुभंकर (भूरसिंह द बारासिंघा) का परिचय कराने वाला भारत का पहला बाघ अभयारण्य है।

कान्हा नेशनल पार्क की वनस्पति –

मध्यप्रदेश में स्थित कान्हा नेशनल पार्क अपनी प्रकृतिक जीवंतता के लिए प्रसिद्ध है। इस पार्क में फूलों की लगभग 200 से अधिक प्रजाति और पेड़ोंकी 70
से अधिक प्रजाति पाई जाती हैं। कान्हा नेशनल पार्क में कम भूमि वाले जंगलो में घास के मैदान, साल के जंगल और सागौन बहुतायत वन पाए जाते हैं।

इसके अलावा कान्हा रिजर्व में पाए जाने वाले वनों में साल, लेंडिया, चार, धवा, बीजा, आंवला, साजा, तेंदू, पलास, महुआ और बांस के नाम भी शामिल हैं।

कान्हा नेशनल पार्क में पाए जाने वाले जीव –

कान्हा नेशनल पार्क सैकड़ों एकड़ में फैले घास के मैदान, खड्डे और नाले के रूप में वन्यजीवों के लिए प्राकृतिक आवास है। जो इन्हे अपने पर्यावरण से बंधे हुए है कान्हा नॅशनल पार्क को कान्हा टाइगर रिजर्व रूप में भी जाना-जाता है क्योंकि यहां पर रॉयल टाइगर सहित कई बाघो की प्रजातियों का निवास है जो यहाँ आने वाले पर्यटकों को काफी उत्साहित करता है।

बाघ के अलावा कान्हा नेशनल पार्क में तेंदुओं, जंगली बिल्लियों, जंगली कुत्तों और गीदड़ों की संख्या काफी ज्यादा है। इस पार्क में सामान्य रूप से चित्तीदार स्तनधारी बाघ, चीतल, सांभर, बारहसिंगा, चौसिंघा, गौर, लंगूर, भौंकने वाले हिरण, जंगली सुअर, आलसी भालू, लकड़बग्घा, काला हिरन, रूड मोंगोज, बैजर, इंडियन हरे, इंडियन फॉक्स पाए जाते हैं। इसके अलावा रसेल्स वाइपर, अजगर, भारतीय कोबरा, भारतीय क्रेट और चूहा साँप सहित कई प्रजातियों के सरीसृपों जंगली कुत्ता भी इस नेशनल पार्क में पाया जाता है। कान्हा पार्क में कई लुप्तप्राय स्तनधारियों, सरीसृप और पक्षियों की दुर्लभ प्रजातियां पायी जाती हैं।

कान्हा नेशनल पार्क कहां है

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में पक्षी –

कान्हा नेशनल पार्क में पक्षियों की लगभग 300-500 प्रजातियां पाई जाती हैं जो यहाँ आने वाले पर्यटकों और वालों और फोटोग्राफरों को अपनी तरफ बेहद आकर्षित करती है। मध्यप्रदेश के इस नेशनल पार्क में पाए जाने अद्वितीय पक्षियों की प्रजातियों में सारस, चैती, पिंटेल, तालाब बगुले, जैसे – पछतावा, मोर, जंगल फाउल, हूप, ड्रगोस, पार्टिडेज, बटेर, रिंग डूव्स जैसे पक्षी शामिल हैं। पैराकीट पक्षी, ग्रीन कबूतर, रॉक कबूतर, कोयल, स्प्रफाउल, पेनहास, रोलर्स, मधुमक्खी-भक्षक, योद्धा, कठफोड़वा, फ़िंच, किंगफ़िशर, ओरीओल्स, उल्लू, और फ्लाईकैचर के नाम अन्य पक्षी शामिल हैं।

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