“अनदेखी सच्चाई: बर्ड फ्लू वायरस की नई दास्तान, ताज़ा ख़बरें और अनोखे पहलू”
बर्ड फ्लू के नाम से भी जाना जाता है एवियन इन्फ्लूएंजा, जो कि टाइप ए इंफ्लूएंजा वायरस के कारण होता है। यह वायरस बत्तख, मुर्गों जैसे कुछ पोल्ट्री जानवरों के लिए हानिकारक होता है और कभी-कभार इंसानों को भी प्रभावित कर सकता है। बर्ड फ्लू जंगली और पालतू जानवरों से फैल सकता है।
इसके अलावा, अगर कोई इंसान इन संक्रमित जानवरों या फिर दूसरी प्रजातियों के संपर्क में आता है तो वह भी इस वायरस से संक्रमित हो सकता है। हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है कि यह वायरस इंसान से इंसान में भी फैल सकता है।
वैज्ञानिक वर्तमान में इस वायरस के म्यूटेशन के बारे में चिंतित हैं, जो कि संभावित रूप से इंसान से इंसान में फैल सकता है। H5N1, वायरस का मौजूदा स्ट्रेन है, जो भारत को प्रभावित कर रहा है। ये स्ट्रेन काफी घातक है और अभी तक इस स्ट्रेन से एशिया के अलग-अलग देशों में 130 से ज्यादा मौते हो चुकी हैं।
बर्ड फ्लू के लक्षण
- जुकाम या नाक से बहना
- गले में खराश या दर्द
- खांसी
- शरीर में दर्द
- सिरदर्द
- थकान या कमजोरी
- उच्च बुखार
- थकान और अत्यधिक थकावट
यदि आपको ऐसे लक्षण महसूस हों और आपने हाल ही में बर्ड फ्लू संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने का संदेह किया है, तो आपको तुरंत चिकित्सा सलाह लेनी चाहिए।
बर्ड फ्लू होने के कारण
इस वायरस का प्रमुख वजह हैं पक्षी। ये वायरस पक्षी की आंत में प्रवेश करता है और उसके मल के माध्यम से जगह-जगह फैलना शुरू हो जाता है। ये पक्षी प्रवासी होते हैं और अलग-अलग देशों में इस वायर को पहुंचाने का काम करते हैं। संक्रमित पक्षी में दिखाई देने वाले लक्षण हैं, दस्त, सांस लेने में तकलीफ और मौत।
एक संक्रमित पक्षी अपने पंखों, बलगम, थूक और मल के माध्यम से वायरस को फैला सकता है। संक्रमित पक्षी के संपर्क में आने वाले इंसान को भी संक्रमण हो सकता है। अगर आप पक्षी की देखभाल कर रहे हैं और बीमार पक्षी के मल के संपर्क में आते हैं और हाथ नहीं धोते हैं तो आप संक्रमित हो सकते हैं। ये वायरस कच्चे चिकन में भी मौजूद होता है।
बर्ड फ्लू का निदान
बर्ड फ्लू का इलाज विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा किया जाता है और यह निम्नलिखित मार्गदर्शन के अनुसार हो सकता है:
- दवाओं का सेवन: चिकित्सक द्वारा प्रायः एंटीवायरल दवाओं का परामर्श दिया जाता है, जो वायरस के प्रसार को रोक सकते हैं और लक्षणों को कम कर सकते हैं।
- आराम और परहेज: बुखार, थकान, और अन्य लक्षणों को दूर करने के लिए आराम करना और परहेज करना महत्वपूर्ण है।
- हाइड्रेशन: अधिक पानी पीना, नींद पूरी करना, और उचित पोषण लेना, इन्फ्लूएंजा के इलाज को गति देता है।
- डॉक्टर के सलाह पर दवा का सेवन: किसी भी दवा का सेवन करने से पहले चिकित्सक की सलाह लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- संक्रमण की रोकथाम: इस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए संक्रमित व्यक्ति को अलग कमरे में रखना और अन्य लोगों के संपर्क से बचना चाहिए।
- अन्य उपाय: अपने डॉक्टर से परामर्श करके अन्य उपायों का अध्ययन करें, जैसे कि चिकित्सीय प्रणाली, उपचार, और बचाव के लिए सलाह।
ध्यान दें कि इन उपायों को अपनाने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें। वे आपकी स्थिति को ठीक से मापेंगे और आपको सही इलाज की दिशा में मार्गदर्शन करेंगे।
जीवनशैली प्रबंधन
1-संपर्क में आने से बचना सबसे पहला काम
बर्ड फ्लू से बचने का सबसे आसान तरीका है कि जहां भी ये वायरस फैला हो उस जगह जानें से बचें। संक्रमिक पक्षी के थूक, बलगम, लार और मल से ये वायरस फैलता है। आंख, नाक, मुंह से ये वायरस शरीर में प्रवेश करता है।
2-खाना बनाते वक्त
इस बात का ध्यान रखें कि आप पूरी तरह से पका हुआ चिकन या मांस ही खाएं। इसके अलावा कच्चा मांस पकड़ने से बचें और ध्यान रखें कि खाने से पहले इससे उबालें जरूर।
3-दूसरे देशों की यात्रा
जहां पोल्ट्री फार्म हो वहां जाने से बचें और कच्चा मांस न खाएं। साफ-सफाई का ध्यान रखें।
4-अन्य इंफ्लूएंजा से बचने के लिए जीवनशैली में करें ये बदलाव
खुद को आइसोलेट करें, जिससे संक्रमण को फैलने से सीमित किया जा सकता है।
अगर आपको डायबिटीज, ब्लड प्रेशर की समस्या है, तो आपको अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है। आप किसी भी डोज को मिस न करें और समय पर भोजन करें।
ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें, जो बलगम को आसानी से बाहर निकालने में मदद करेगा और नाक में बलगम जमा होने से रोकेगा।
अगर संभव हो तो खांसते वक्त बलगम को बाहर निकालने का प्रयास करें।
कपूर, मेन्थॉल और यूकेलिप्टस के तेल से युक्त वेपर रब का उपयोग करें, जो बंद नाक और सिरदर्द से राहत दिलाने में मदद करते हैं। आप इल वेपरअब को रात के वक्त गर्दन और छाती दोनों पर लगा सकते हैं।
गुनगुने पानी से नहाएं, जिससे दर्द और बुखार को कम करने में मदद मिलेगी।
ओटीसी दर्द निवारक दवाएं, मांसपेशियों और सिरदर्द में दर्द से राहत प्रदान कर सकती हैं।